दोस्तों मान लीजिये आपको किसी कंपनी से 50000 रूपए आने है लेकिन आपके पास सिर्फ 45000 रूपए ही आते है। अब आप वापस उस कंपनी में फ़ोन लगा कर पूछते है की आपने 50000 रूपए के स्थान पर 45000 रूपए ही क्यू भेजे है। इसके जवाब में कंपनी आपको कहती है की 5000 रूपए यानी 10% आपका TDS काटा गया है। फिर कंपनी कहती है बाद में आप अपनी TDS Claim कर के वो 5000 रुपया भी अपने अकाउंट में ले सकते है।
अब आप सोच रहे होंगे की TDS क्या होता है (Tds kya hota hai), TDS क्यों काटा जाता है, TDS Claim कैसे किया जाता है आदि। तो इस आर्टिकल की मदद से हम आपको इन्ही सब प्रश्नो का उत्तर देंगे।
आज के समय में सभी लोग पैसा कमाना चाहते है और इसके लिए लोग पैसा कमाने के अलग अलग तरीके सिख रहे है। इसीलिए सरकार भी Tax के मामले में बोहोत डिजिटल हो रही है। अब ऐसे में अगर आप कही नौकरी भी करते है तो अपने सुना होगा की आपका TDS काटा गया है। इसीलिए आपका यह जानना महत्वपूर्ण हो जाता है की TDS होता क्या है।
TDS का फुल फॉर्म (TDS Full Form)
जैसा की आपको नाम से ही समझ आए रहा है की TDS एक शार्ट नाम है। TDS का पूरा नाम (Full-Form) "Tax Deducted at Source" है। इसका मतलब होता है जहा से भेजा जा रहा था वही पे आपका पैसा काट लिया गया है।
TDS क्या होता है ? (Tds kya hota hai)
TDS सरकार द्वारा टैक्स चोरी को रोकने का एक तरीका है। इसमें कंपनी आपके आय में से लगभग 10% टैक्स के रूप में काट लेती है और इस पैसे को सरकार के खाते में जमा कर देती है। यह एक प्रकार का Indirect Tax होता है जो आप पर लगाया जाता है। उद्धरण के लिए आप ऊपर शुरुवात में पढ़ सकते है।
अब अगर आपका सालाना कमाई Income Tax Slab के अंतर्गत नहीं आता है तो आप अपने काटे गए TDS को इनकम टैक्स भरते समय Claim कर सकते है जिससे आपका पैसा फिर से वापस बैंक अकाउंट में आ जायेगा। लेकिन अगर आप Income Tax Return भरते ही नहीं है तो आपका इनकम चाहे जो भी आपको आपका पैसा नहीं मिलेगा।
TDS Claim कैसे करे ?
जो भी संस्था या कंपनी आपकी कमाई में से TDS काटती है वह आपको 16 /16 A सर्टिफिकेट प्रदान करती है। इसमें आपकी कटौती का पूरा विवरण दिया हुआ होता है।
कभी कभी उन लोगो का भी TDS काट लिया जाता है जिनका Income Tax के बहार होता है यानी 2.5 लाख से निचे होता है। ऐसे लोग अपना इनकम टैक्स भरते समय TDS Claim कर सकते है।
TDS कब कटता है ?
TDS कई तरह के कमाई पर काटा जा सकता है जैसे नौकरी से आने वाली सैलरी, डिविडेंड, ब्याज, रेंट का पैसा आदि। अगर हम एक उद्धरण ले तो मान लीजिये आप किसी कंपनी के मालिक है और आपके अंतर्गत बोहोत से लोग काम करते है तो आपको उनकी सैलरी में से TDS काट लेना होगा। इसके बाद आपको काटे गए TDS की पूरी जानकारी अपने कर्मचारी को देनी होगी। सरकार टैक्स चोरी को रोकने के लिए यह तरीका इस्तेंमाल करती है।
निष्कर्ष
हमें उम्मीद है की आपको समझ आ गया होगा की tds kya hota hai. अगर आपको कुछ भी समझने में दिक्कत हो तो आप हमे निचे कमेंट जरूर करे। आप चाहे तो आप हमसे ईमेल के माध्यम से भी संपर्क कर सकते है।