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What is a Dividend? - Dividend Explained in Hindi

जब आप कोई कार्य करते हैं और उसके लिए आपको इनाम दिया जाता है तो आपको उस काम को करने के लिए और उत्साह मिलता है। इसी तरह से यह भी एक इनाम है जिसका नाम डिविडेंड है। यह शब्द शेयर मार्केट में इस्तेमाल किया जाता है। डिविडेंड का मतलब होता है लाभांश। मतलब कंपनी को जब लाभ होता है तो कंपनी अपने सभी शेयर होल्डर्स को इनाम देती है। जो कि आपके Share के ऊपर निर्भर करता है कि आपके पास उस कंपनी के कितने Share हैं। डिविडेंड को कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स द्वारा निर्धारित किया जाता है। 

कभी-कभी कंपनी है डिविडेंड को बिना लाभ कमाएं ही देती है जिससे वे अपने इन्वेस्टर को बनाए रख सकें। लेकिन आपको यह बात भी जानना चाहिए कि हर कंपनी डिविडेंड नहीं देती क्योंकि कंपनी को अपने वृद्धि के लिए पैसे की जरूरत होती है इसीलिए सारी कंपनियां डिविडेंड नहीं देती है। 

Dividend देने वाले कुछ बेहतरीन सेक्टर्स

  • Oil & Gas Companies
  • Banking Sector
  • Real State
  • Basic Materials
  • IT Sector

Dividend क्यों महत्वपूर्ण होते है 

डिविडेंड देने वाली कंपनियां असल में अपने इन्वेस्टर्स को यह दिखलाती है कि कंपनी में हमेशा ही कैश उपलब्ध होता है और कंपनियां प्रति वर्ष लाभ कम आ रही है जिससे यह अपने शेयर होल्डर्स को लाभांश का एक हिस्सा दे पा रही है जिससे इन्वेस्टर कंपनी के साथ जुड़े रहते हैं और यह मैं इन्वेस्टर्स को आकर्षित भी करता है और या इन्वेस्टर के विश्वास को भी बढ़ाता है.

Dividend से जुड़े महत्वपूर्ण तारीख (Important Dates) 

डिविडेंड से जुडी कुल चार प्रमुख तारीख होती है। जिसके नाम निम्नलिखित है -

  • Announcement Date
  • Ex-Dividend Date
  • Record Date
  • Payment Date
Announcement Date पर कंपनी Dividend की घोषणा है। Ex-Dividend Date पर डिविडेंड की Eligibility Expire हो जाती है। Record Date से यह पता चलता है की कौन से शेयर होल्डर्स डिविडेंड के लिए योग्य है। और Payment Date पर कंपनी इन्वेस्टर्स के अकाउंट में पैसे भेज देती है। 

Types of Dividends

निचे कुछ प्रमुख डिविडेंड के प्रकार दिए गए है। 

1. Cash Dividend: यह सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला डिविडेंड है। इसमें कंपनी शेयर होल्डर्स के ब्रोकरेज अकाउंट में डायरेक्ट पेमेंट कर देती है। 

2. Stock Dividend: इसमें कंपनी डिविडेंड के लिए कैश पेमेंट ना कर के Additional Share देती है। 

3. DRIPS: इसमें कंपनी अपने इन्वेस्टर्स को डिविडेंड के रूप में डिस्काउंट पर उसी कंपनी के शेयर खरीदने का मौका देती है। 

4. Special Dividend: यह डिविडेंड एक ही बार मिलता है। जब कंपनी के पास एक्स्ट्रा पैसा होता है तब कम्पनिया स्पेशल डिविडेंड जारी करती है। 

निष्कर्ष 

किसी भी कंपनी में निवेश करने से पहले आपको उस कंपनी के बारे में अच्छी जानकारी ले लेनी चाहिए और आपको यह भी देखना चाहिए कि वह कंपनी कितना डिविडेंड देती है। आमतौर पर अगर कंपनी 30% से 50% तक अपनी मुनाफा का डिविडेंड के रूप में देती है तो ऐसी कंपनी फाइनेंसियल रूप से काफी मजबूत मानी जाती है। किसी भी कंपनी में निवेश करने से पहले उस कंपनी से संबंधित सभी चीजें जान ले क्योंकि बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन है। 

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