Best 10 Short Story in Hindi with Moral
Short Story कल्पना की संक्षिप्त रचनाएँ हैं जो आम तौर पर एक ही कथानक, सीमित संख्या में पात्रों और एक संक्षिप्त कथा पर केंद्रित होती हैं। इन कहानियों का उद्देश्य अपेक्षाकृत कम अवधि में, अक्सर कुछ सौ से लेकर कुछ हजार शब्दों तक, एक संपूर्ण और स्वयं निहित कथा को व्यक्त करना है।
Hindi Short Story उपन्यासों या उपन्यासों की तुलना में काफी छोटी होती हैं, जिससे पाठक उन्हें एक ही बैठक में पढ़ सकते हैं। ये छोटे सभी बच्चों के लिए Motivational Short Story in Hindi for Students काफी ज्यादा प्रेरणादायक होते हैं सभी बच्चों के लिए। इनमें हमेशा कुछ सीख जरुर से मिलती है अंत में। तो फिर बिना देरी के सभी Short Story in Hindi का मज़ा लेते हैं.
#1 समर्पण का महत्व (Short Story in Hindi with Moral)
बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से गाँव में एक बूँदी नामक लड़की रहती थी। वह बहुत ही समर्पित और मेहनती थी। गाँववाले उसे प्यार से 'समर्पिता' कहते थे।
समर्पिता का सपना था कि वह गाँव को सुंदरता और हरिताग्राम बनाए रखे। उसने खुद को पेड़-पौधों के साथ समर्थित किया और हरियाली को बढ़ाने के लिए समृद्धि कारगर कार्रवाई की।
एक दिन, गाँव के मुख्य सरपंच ने एक विशेष उपाधि घोषित की। उन्होंने कहा, "जो भी व्यक्ति गाँव के लिए सबसे अधिक समर्पित होगा, वही गाँव का नेता बनेगा।"
समर्पिता ने इसमें एक नई चुनौती देखी। वह नाममात्र हैं और उनकी कमाई बहुत ही कम है। परंतु, उसने नहीं हार मानी और खुद को समर्पित बनाए रखने का निर्णय किया। उसने हर अवस्था में समर्पण बनाए रखा और गाँव के लोगों को सहयोग देने के लिए उन्हें प्रेरित किया।
धीरे-धीरे, लोग समर्पिता की मेहनत और समर्पण को महसूस करने लगे। उनकी एकता ने गाँव को साकारात्मक रूप से प्रभावित किया।
अंत में, सरपंच ने समर्पिता को गाँव का नेता घोषित किया। लोग खुशी खुशी उसका स्वागत करते हुए बोले, "हमें गर्व है कि हमारा नेता समर्पिता है, जो हमेशा हमारे लिए समर्पित रहती है।"
MORAL
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि समर्पण और सहयोग से ही समृद्धि और समृद्धि आती है। अपने कार्यों में समर्पण रखने वाले व्यक्ति कभी भी सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंच सकते हैं।
#2 जो छोटा बच्चा भेड़ियों की कहानी कहता था (The Boy Who Cried Wolf story in hindi)
किसी गाँव में एक छोटा सा बच्चा रहता था जिसका काम होता था बारह बजे से बजार जाना और अपनी बड़ी माँ की बकरियों की देखभाल करना। यह छोटा बच्चा हमेशा अकेला था और उसे कभी-कभी बोर हो जाता था।
एक दिन, उसने सोचा कि उसकी जिंदगी में कुछ मजा होना चाहिए। उसने देखा कि वहां पास में एक बड़ा झुंड भेड़ियां घूम रहा था। उसने फिर सोचा, "अगर मैं बड़ा होकर भीड़ को बताऊँगा कि भेड़ियां आ रही हैं, तो सब मेरे बड़े होने का आदर करेंगे।"
फिर बच्चा उठा और गाँव की ओर दौड़ा, "बच्चों, भेड़ियां आ रही हैं! बचाओ, भेड़ियां आ रही हैं!"
गाँववाले भागे और बच्चा हंसता रहा। उसने इसे बहुत मजेदार मेहमानी समझ लिया।
कुछ दिनों बाद, उसने फिर से यही कहानी सुनाई, "बच्चों, भेड़ियां आ रही हैं! बचाओ, भेड़ियां आ रही हैं!"
गाँववाले फिर से भागे, लेकिन इस बार वे बच्चा को गालियां देने लगे क्योंकि उन्होंने बार-बार झूठी खबरें सुनाई।
एक दिन, वास्तविक में भेड़ियां गाँव के पास आ गईं। जब बच्चा ने फिर से चिल्लाकर कहा, "भेड़ियां आ रही हैं! बचाओ, भेड़ियां आ रही हैं!"
लेकिन इस बार कोई भी नहीं माना। गाँववाले सोचे, "इसने हमें पहले भी धोखा दिया था, यह फिर से झूठ बोल रहा है।"
बच्चा भागते-भागते भेड़ियों के शिकार हो गया। वह चिल्लाते-चिल्लाते भाग रहा था, लेकिन कोई भी उसकी मदद नहीं कर रहा था।
MORAL
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि हमेशा सच बोलना चाहिए, और जब हम बार-बार झूठ बोलते हैं, तो लोग हमें विश्वास नहीं करते। झूठ बोलने से हम खुद को हानि पहुंचाते हैं और दूसरों को भी।
#3 कछुआ और खरगोश की कहानी (The Tortoise and the Hare story in hindi)
बहुत समय पहले की बात है, एक जंगल में कछुआ और खरगोश रहते थे। वे एक-दूसरे के साथ बहुत अच्छे दोस्त थे, लेकिन वे भी एक-दूसरे के साथ हमेशा दौड़ते रहते थे कि कौन तेज़ है और कौन धीरे।
एक दिन, खरगोश ने कछुए से कहा, "तू मेरे साथ दौड़ेगा क्या? मुझे लगता है कि मैं तुझसे जल्दी हराऊंगा!"
कछुआ मुस्कराया और बोला, "ठीक है, हम एक दौड़ में मिलते हैं।"
दौड़ का दिन आया और जंगल के सभी जानवर दौड़ने के लिए इकट्ठे हो गए। हरे ने अपनी तेज़ी दिखाते हुए शोर मचा दिया, "मैं तो इतनी तेज़ हूँ कि कोई मेरे सामने नहीं रुक सकता!"
और दौड़ शुरू हुआ। खरगोश बहुत तेज दौड़ रहा था और उसने जल्दी ही दूसरे जंगल की ओर बढ़त ली। उसने देखा कि कछुआ बहुत ही धीरे-धीरे चल रहा था।
खरगोश ने सोचा, "मैंने बहुत तेजी से दौड़ना शुरू कर दिया है, अब मैं थोड़ी देर के लिए आराम कर लेता हूँ।"
वह एक पेड़ के नीचे बैठ गया और सोने का इंतजार करने लगा।
वहां से गुजरते हुए, कछुआ धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा था। जब वह खरगोश के पास पहुंचा, तो उसने मुस्कराते हुए कहा, "दोस्त, तेरी तेज़ी देखी है, लेकिन अक्सर दौड़ में जीत वही करता है जो स्थिरता बनाए रखता है।"
MORAL
कछुआ जीत गया और वह खरगोश को सिखाया कि जीवन में अक्सर धैर्य और स्थिरता की महत्वपूर्ण बातें होती हैं। खरगोश ने उस दिन से सीख कर, उसने अपनी जिंदगी में स्थिरता और धैर्य बनाए रखने का निर्णय किया।
#4 शेर और चूहा की कहानी (The Lion and the Mouse Story in hindi)
बहुत समय पहले की बात है, एक जंगल में एक बड़ा ही भयंकर शेर रहता था। वह अपने जंगल का राजा था और सभी जानवर उससे डरते थे। एक दिन, वह गहरे सोते में सो रहा था, जब एक छोटा सा चूहा उसके पास गया।
चूहा ने शेर की बड़ी जेब को देखा और सोचा, "मैं इस समय का लाभ उठा सकता हूँ।" उसने धीरे-धीरे शेर की जेब में घुसते हुए उसके जीभ पर कुछ कांपने वाले धागे बाँध दिए।
शेर ने अपने सोने की ताकत से जागते हुए एक बड़ी सी गरज की आवाज निकाली। चूहा डर के मारे भागने लगा, लेकिन धागे उसे बाँधे होने के कारण वह नहीं बच पाया।
शेर ने देखा कि चूहा अपने पैरों के चरणों में फंसा हुआ है और वह उससे बड़ा कुछ नहीं कर सकता। वह चूहा को छोड़ने का निर्णय लिया और उससे क्षमा मांगा।
चूहा ने धन्यवाद कहा और कहा, "तुम्हारी बड़ीता के लिए मैं तुम्हारा कृतज्ञ हूँ। मैं तुम्हारी सहायता करना चाहता हूँ कि जब भी तुम्हारी जरूरत हो, तुम मुझसे कहो।"
वही दिन से शेर और चूहा अच्छे दोस्त बन गए। एक दिन, शेर को जंगल में फंसे हुए फंदे में फंसा हुआ पाया गया। वह चिल्लाने लगा और चूहा ने उसकी मदद की। उसने अपनी ताकत से फंदे को फाड़ दिया और शेर को मुक्ति दिलाई।
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि किसी की छोटी सी मदद भी बड़ी बड़ी समस्याओं को हल कर सकती है, और हर किसी का समर्पण महत्वपूर्ण होता है।
#5 सुनहरे स्पर्श की कहानी (The Golden Touch" (King Midas) story in hindi)
बहुत समय पहले की बात है, एक राजा था जिसका नाम माइडस था। वह राजा धन और सोने के प्रति बहुत लालसा करता था। राजा की रानी और राजमहल में भी सभी चीजें सुंदर थीं, लेकिन फिर भी राजा का मन संतुष्ट नहीं था।
एक दिन, राजा ने अपनी इच्छा का इजहार किया, "मैं चाहता हूँ कि मेरे हाथ सभी चीजें सोनी बन जाएं।"
राजा की इच्छा पर एक दिन एक विशेष तपस्वी उनके सामने प्रकट हुए और राजा से बोले, "राजा माइडस, तुम्हारी इच्छा सुनी गई है। तुम्हें एक विशेष वरदान दिया जाएगा, लेकिन ध्यान रखो, इसके साथ एक चेतावनी भी है।"
तपस्वी ने राजा को एक सोने की मूर्ति दी और कहा, "यह सोने का मूर्ति तुम्हारे सभी सपनों को पूरा करेगी, लेकिन तुम्हें यह ध्यान में रखना होगा कि तुम्हारी इच्छाएं कभी भी स्वार्थपर नहीं होनी चाहिए।"
राजा ने खुशी-खुशी मूर्ति को घर ले आए और जब वह किसी भी वस्तु को छूता, तो वह सोने में परिणाम होती थी।
पहले-पहले राजा बहुत खुश था, लेकिन जल्दी ही उसे अपनी अहंकारी आदतें दिखने लगीं। उसने अपनी सभी संपत्तियों को सोने में बदल दिया और उदारता भूल गया।
एक दिन, राजा का छोटा सा बेटा उसके पास भाग्यशाली होने की कहानी सुनने गया। राजा ने उसे अपनी सभी धन-संपत्तियों का गर्व करते हुए दिखाईं।
छोटे से बच्चे ने पहले सोने की मूर्ति को छूकर कहा, "पिताजी, मैं चाहता हूँ कि तुम्हारी इच्छा से यह सोना होने वाला मूर्ति चालित रहे, लेकिन साथ ही तुम्हें एक साधुपना और समर्थता का वरदान मिले।"
राजा ने अपनी भूल को समझा और चाहा गया कि उसकी इच्छाएं भगवान के लिए भी होनी चाहिए, और अपने अहंकार को दूर करते हुए उसने सोने की मूर्ति को दूसरे वर्दान के साथ स्वीकार किया। इसके बाद से, उसकी जीवन में समृद्धि, शांति, और सहानुभूति आई।
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि भौतिक संपदा और स्वार्थी इच्छाओं की पूर्ति को प्रेम, करुणा और मानवीय रिश्तों के मूल्यों पर प्राथमिकता नहीं दी जानी चाहिए। राजा मिदास, सोने की अपनी अतृप्त इच्छा में, जीवन के सच्चे और सार्थक पहलुओं को भूल गए। कहानी हमें विनम्रता, आत्म-जागरूकता और इस समझ के महत्व के बारे में सिखाती है कि भौतिक संपत्ति से भी अधिक मूल्यवान चीजें हैं।
#6 तीन छोटे सूअर (The Three Little Pigs Story)
"तीन छोटे सूअर" एक प्रसिद्ध हिन्दी कहानी है जिसमें तीन अंधभक्त सूअरों की कहानी है, जो एक बड़े और भयानक भेड़िये के खिलवार में आते हैं।
1. **खाद्य सूअर (धन्यवादी):** पहला सूअर है खाद्य सूअर, जो अपना घर स्ट्रॉ से बनाता है क्योंकि यह तेजी से बनता है। लेकिन यह सामान्य और कमजोर है।
2. **लकड़ी सूअर (लड़ाकू):** दूसरा सूअर है लकड़ी सूअर, जो अपना घर लकड़ी से बनाता है। यह थोड़ा मजबूत है, लेकिन फिर भी कमजोर है।
3. **ईंट सूअर (बुद्धिमान):** तीसरा सूअर है ईंट सूअर, जो अपना घर ईंटों से बनाता है। यह समय और मेहनत से बनता है, लेकिन यह सबसे मजबूत और सुरक्षित है।
कहानी में खगोलीय स्थिति तब होती है जब भेड़िया आता है। वह हर सूअर के घर की ओर बढ़ता है, और प्रयास करता है कि उनके घर को उड़ा दें और उन्हें खाएं।
- स्ट्रॉ से बना घर आसानी से उड़ा दिया जाता है।
- लकड़ी से बना घर भेड़िये की साँस को थोड़ी देर के लिए रोकता है, लेकिन फिर गिर जाता है।
- ईंट से बना घर सबसे मजबूत है और भेड़िये के प्रयासों को सही से सही करता है।
अंत में, भेड़िया असफल हो जाता है, और तीसरे सूअर द्वारा बनाए गए ईंट से बने घर में सुरक्षित रूप से है।
कहानी यह सिखाती है कि मेहनत, योजना, और बुद्धिमत्ता से किया गया काम हमेशा अच्छे परिणाम देता है और संघर्षों के सामना में अधिक सुरक्षिती प्रदान करता है।
#7 छोटी लाल मुर्गी (The Little Red Hen Story)
"द लिटिल रेड हेन" एक और लोकप्रिय लोक कथा है जिसे विभिन्न संस्कृतियों और भाषाओं में दोहराया गया है। यहां कहानी का सारांश दिया गया है:
कहानी एक छोटी लाल मुर्गी के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसे गेहूं का एक दाना मिलता है और वह उसे बोने का फैसला करती है। पूरी कहानी में, लिटिल रेड हेन कड़ी मेहनत, जिम्मेदारी और आत्मनिर्भरता के मूल्यों को प्रदर्शित करती है।
1. **गेहूं की बुआई:**
- छोटी लाल मुर्गी गेहूं बोने के लिए अन्य खेत जानवरों से मदद मांगती है - जिसे आमतौर पर कुत्ते, बिल्ली और बत्तख के रूप में दर्शाया जाता है। हालाँकि, उनमें से कोई भी मदद करने को तैयार नहीं है; उन सभी के पास बहाने होते हैं और वे काम में योगदान देने से इनकार करते हैं।
2. **गेहूं की देखभाल:**
- निडर होकर, छोटी लाल मुर्गी बढ़ते गेहूं की देखभाल का जिम्मा अपने ऊपर ले लेती है। वह इसे सींचती है, इसे संभावित खतरों से बचाती है, और यह सुनिश्चित करती है कि इसे आवश्यक ध्यान मिले।
3. **गेहूं की कटाई:**
- जब गेहूं कटाई के लिए तैयार हो जाता है, तो छोटी लाल मुर्गी एक बार फिर मदद मांगती है। फिर, अन्य जानवर यह कहते हुए मना कर देते हैं कि वे बहुत व्यस्त हैं या उनमें कोई दिलचस्पी नहीं है।
4. **गेहूं को आटे में बदलना:**
- छोटी लाल मुर्गी ने खुद गेहूं काटने का फैसला किया। फिर वह गेहूं को आटे में बदलने के लिए मदद मांगती है। एक बार फिर, अन्य जानवर सहायता करने से इनकार कर देते हैं।
5. **रोटी पकाना:**
- निडर होकर, छोटी लाल मुर्गी खुद ही रोटी सेंकने लगती है। जब स्वादिष्ट सुगंध हवा में भर जाती है, तो अन्य जानवर रोटी खाने की इच्छा व्यक्त करते हैं।
6. **साझा करना या नहीं:**
- छोटी लाल मुर्गी, सारा काम खुद करने के बाद पूछती है कि क्या कोई उसे रोटी खाने में मदद करना चाहेगा। अन्य जानवर उत्सुकता से हाँ कहते हैं। हालाँकि, लिटिल रेड हेन को जब पता चला कि वे किसी भी स्तर पर मदद करने को तैयार नहीं हैं, तो उसने खुद ही रोटी का आनंद लेने का फैसला किया।
Moral:
यह कहानी कड़ी मेहनत, सहयोग और किसी के प्रयासों के पुरस्कार को साझा करने का महत्व सिखाती है। लिटिल रेड हेन की यात्रा इस विचार पर जोर देती है कि जो लोग काम में योगदान नहीं देते हैं उन्हें लाभों का आनंद लेने की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। इस कहानी को अक्सर व्यक्तिगत जिम्मेदारी और सामूहिक प्रयासों में भाग न लेने के परिणामों के बारे में एक सबक के रूप में प्रयोग किया जाता है।
#8 मेंढक राजकुमार (The Frog Prince Story)
1. **अभिशाप:**
- कहानी आम तौर पर एक राजकुमारी से शुरू होती है, जो एक कुएं या तालाब के पास खेलते समय एक मूल्यवान वस्तु, अक्सर एक सुनहरी गेंद, पानी में खो देती है। हताशा में, वह मेंढक से कुछ भी वादा करती है जो उसे उसके लिए पुनः प्राप्त करता है।
2. **वादा:**
- मेंढक, जादुई तरीके से राजकुमार में बदल गया, खोई हुई वस्तु वापस पा लेता है लेकिन राजकुमारी से अपना वादा निभाने पर जोर देता है। वादे में आमतौर पर मेंढक को राजकुमारी की थाली से खाने, उसके तकिये पर सोने या यहां तक कि उसका साथी बनने की अनुमति दी जाती है।
3. **अनिच्छा और परिवर्तन:**
- मेंढक के साथ अपना स्थान साझा करने के विचार से निराश राजकुमारी अपना वादा पूरा करने में झिझकती है। हालाँकि, अंततः वह मान जाती है और अपनी प्रतिबद्धता का सम्मान करने के लिए सहमत हो जाती है। कहानी के इस बिंदु पर, राजकुमारी के वादे या चुंबन के माध्यम से मेंढक अक्सर एक राजकुमार में बदल जाता है।
4. **रहस्योद्घाटन:**
- परिवर्तन से पता चलता है कि मेंढक, वास्तव में, एक अभिशाप के तहत एक राजकुमार था। उस पर एक दुष्ट चुड़ैल ने श्राप लगाया था और केवल राजकुमारी का वादा या दयालुता का कार्य ही उस जादू को तोड़ सकता था।
5. **हमेशा खुश रहो:**
- श्राप टूटने के बाद, राजकुमार और राजकुमारी, अब एक-दूसरे की असली पहचान से अवगत हो गए हैं, अक्सर शादी करते हैं और "हमेशा खुशी से" रहते हैं।
Moral:
कहानी वादे, दयालुता और इस विचार जैसे विषयों की पड़ताल करती है कि सच्ची सुंदरता भीतर ही निहित है। यह अक्सर नैतिक सबक देता है कि व्यक्ति को अपने वादे पूरे करने चाहिए और दयालुता से अप्रत्याशित पुरस्कार मिल सकते हैं। इसके अतिरिक्त, कहानी इस विचार पर जोर देती है कि दिखावा धोखा दे सकता है और सच्चा प्यार बाहरी मतभेदों से परे देखता है।
फ्रॉग प्रिंस की कहानी को पिछले कुछ वर्षों में कई तरीकों से रूपांतरित और दोहराया गया है, जिसने एक परी कथा के रूप में इसकी स्थायी लोकप्रियता में योगदान दिया है।
#9 शेर और सोने का कंगन (The Lion and Golden Bangal Story)
"शेर और सोने का कंगन" एक कहानी है जो एक मोरल सिखाती है। यह कहानी एक गांव में बसती है, जहां एक बहुत ही बड़ा और दबंग शेर रहता है। उसके पास एक अनमोल सोने का कंगन होता है जो उसने एक खास प्रियतमा के लिए बनवाया होता है।
एक दिन, शेर अपने सोने के कंगन को गांव के बाजार में खो देता है। वह बहुत ही चिंतित हो जाता है और खोजने के लिए गांव के आस-पास घूमता है, लेकिन कोई भी खंडहर नहीं मिलता है।
फिर एक दिन, शेर एक मेंढ़क पास आता है और उससे अपने खोए हुए सोने के कंगन के बारे में पूछता है। मेंढ़क उसे बताता है कि वह एक ऐसे गुफा के पास है, जहां उसे उसकी मनचाही वस्त्रों की खोज हो सकती है।
शेर खुशी से भरपूर हो जाता है और उस गुफा की ओर चला जाता है। जब वह गुफा में पहुंचता है, तो वहां एक बहुत ही गहरा खंडहर होता है। शेर खंडहर में घुसता है, लेकिन उसे वहां कोई सोने का कंगन नहीं मिलता है।
बाद में, शेर को याद आता है कि उसे उस मेंढ़क ने धोखा दिया है। वह जल्दी से उसका पीछा करता है और उसे पकड़ लेता है। मेंढ़क डर कर माफी मांगता है और कहता है कि वह उसे धोखा देकर अपनी बकरियों को बचाने की कोशिश कर रहा था।
शेर इस कहानी से यह सीखता है कि धोखा देने की कोशिश करने से उसे केवल खो नहीं पाने का खतरा होता है, बल्कि वह अपने नैतिकता और विश्वासघात के लिए भी जिम्मेदार होता है।
इस कहानी का मोरल है कि हमें दूसरों की विश्वासघात करने की चेष्टा नहीं करनी चाहिए और हमेशा ईमानदारी से आचरण करना चाहिए।
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