Best 25 Short Story in Hindi with Moral and Images
Short Stories in Hindi: बच्चों को ही सबसे ज्यादा Hindi Short Story पसदं होती है। ये छोटे बड़े Motivational Short Stories in Hindi for Students काफी ज्यादा प्रेरणादायक होते हैं. तो फिर बिना देरी के सभी Best Short Story in Hindi का मज़ा लेते हैं।
#1 द लेडी विद द डॉग (The Lady with the Dog)
"द लेडी विद द डॉग" रूसी लेखक एंटोन चेखव द्वारा लिखी गई एक प्रसिद्ध लघु कहानी है। यह पहली बार 1899 में प्रकाशित हुआ था। यह कहानी एक विवाहित व्यक्ति दिमित्री दिमित्रिच गुरोव और एक युवा महिला अन्ना सर्गेयेवना, जो खुद भी शादीशुदा है, के बीच निषिद्ध प्रेम संबंध के इर्द-गिर्द घूमती है। कहानी प्रेम, लालसा और मानवीय रिश्तों की जटिलताओं की पड़ताल करती है।
यहां "द लेडी विद द डॉग" का संक्षिप्त सारांश दिया गया है:
मॉस्को के एक मध्यम आयु वर्ग के बैंकर दिमित्री गुरोव समुद्र तटीय शहर याल्टा में छुट्टियां मना रहे हैं। वह विभिन्न महिलाओं के साथ अपने संबंधों के लिए जाने जाते हैं और प्यार को एक मामूली बात मानते हैं। हालाँकि, जब उसका सामना सफेद पोमेरेनियन कुत्ते को घुमाने वाली एक खूबसूरत युवा महिला अन्ना सर्गेयेवना से होता है, तो वह उस पर मोहित हो जाता है।
दोनों शादीशुदा होने के बावजूद, दिमित्री और अन्ना एक गुप्त संबंध शुरू करते हैं। वे एक साथ समय बिताते हैं, बातचीत करते हैं और शहर का भ्रमण करते हैं। जैसे-जैसे उनका रिश्ता गहरा होता है, उन्हें एहसास होता है कि वे प्यार में पड़ रहे हैं।
समय के साथ, दिमित्री और अन्ना अपनी स्थिति की जटिलताओं से संघर्ष करते हैं। वे अपनी शादियों में फँसा हुआ महसूस करते हैं और एक साथ जीवन बिताने के लिए तरसते हैं। हालाँकि, सामाजिक मानदंड और दायित्व उन्हें खुलेआम अपने प्यार का पीछा करने से रोकते हैं।
जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, दिमित्री को एहसास होता है कि वह अन्ना के बिना नहीं रह सकता। वह अपनी पत्नी और परिवार को छोड़कर उसके साथ रहने के बारे में सोचता है। दूसरी ओर, अन्ना दिमित्री के प्रति अपने प्यार और अपने पति और समाज में जीवन के प्रति कर्तव्य की भावना के बीच फंसी हुई है।
कहानी एक मार्मिक और अनसुलझे अंत के साथ समाप्त होती है। अपने भविष्य को लेकर अनिश्चित होने के कारण दिमित्री और अन्ना अलग हो गए। उन्हें अपने कार्यों के परिणामों और उनके निषिद्ध प्रेम संबंध के प्रभाव से जूझने के लिए छोड़ दिया गया है।
"द लेडी विद द डॉग" मानवीय भावनाओं की जटिलताओं, सामाजिक अपेक्षाओं और व्यक्तिगत इच्छाओं के बीच संघर्ष और प्रेम की परिवर्तनकारी शक्ति की खोज के लिए जानी जाती है। इसे चेखव के बेहतरीन कार्यों में से एक माना जाता है और साहित्य में मनोवैज्ञानिक यथार्थवाद का एक उत्कृष्ट उदाहरण माना जाता है।
#2 गुलाबी बल्लेबाज़ (The Pink Cricketer)
एक सुनहरे सोमवार को, एक छोटे से गाँव के बच्चों ने अपने मैदान में क्रिकेट का मैच खेलने का निर्णय किया। सभी बच्चे मैदान में उत्साहित थे, पर वहां का सबसे छोटा बच्चा, गुलाब, कुछ हैरान दिख रहा था।
गुलाब ने कहा, "मैं नहीं खेलूंगा, मुझमें क्रिकेट का खेलने का हुनर नहीं है।"
दोस्तों ने गुलाब को समझाया, "कोई बात नहीं गुलाब, हम सिर्फ मज़ा करने के लिए खेल रहे हैं।"
गुलाब ने हाथ उठाया और कहा, "अच्छा, तो मैं भी खेलूंगा, पर मैं पिंक बैट से ही मारूंगा।"
सभी ने हंसी में हाथ मिलाया। गुलाब का बैट और उसकी बॉल पिंक रंग के थे।
मैच शुरू हुआ और सभी बच्चे अच्छा खेल रहे थे। गुलाब ने भी कुछ अच्छे शॉट्स मारे, और उसकी बॉल भी काफी टाइट थी।
मैच के अंत में, गुलाब ने सबसे अच्छा खेल खेला और अपनी टीम को जीत दिलाई।
उसके बाद, सभी ने गुलाब को बड़े उत्साह से बधाई दी। गुलाब की छोटी सी पिंक बैट ने सबको आश्चर्यचकित कर दिया था।
Moral
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि हमें खुद को कमजोर महसूस करने की जरूरत नहीं होती, हमारे अंदर हमेशा कुछ खास होता है जो हमें अनजाने में ही बड़ा बना देता है।
#3 सफलता का सफर (hindi story with moral)
एक समय की बात है, एक छोटे से गांव में एक छोटे से लड़के का नाम रमेश था। वह गरीब था, लेकिन उसमें बड़े सपने थे। वह जब भी किसी सफल आदमी को देखता, वह सपना देखता कि वह भी एक दिन सफल होगा।
रमेश बड़ा मेहनती और उत्साही था। वह रोज अपने माता-पिता की सहायता करता और खुद को पढ़ाई के लिए समर्पित करता।
एक दिन, एक पुराने गांववाले ने उसको कहा, "रमेश, तू गांव से बाहर जाकर अपने सपनों को पूरा कर सकता है।"
रमेश ने उसकी सलाह मानी और शहर चला गया। शहर में उसने मेहनत से काम किया और अपने सपनों की ओर बढ़ता गया।
कई सालों बाद, उसने एक महसूसी व्यापार आरंभ किया और धीरे-धीरे उसका व्यापार बढ़ता गया।
रमेश ने समय लगाकर अपने सपनों को पूरा किया और अब वह एक सफल व्यापारी था।
Moral
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि मेहनत, उत्साह, और सपनों का पीछा करना सफलता की ओर बढ़ता है। छोटे शुरुआती से आरंभ से लेकर बड़े सपनों को पूरा करने तक का सफर हमें कभी हार नहीं मानने की प्रेरणा देता है।
#4 तारों भरा आसमान (short story in hindi with moral)
एक समय की बात है, एक छोटे से गाँव में एक छोटा सा लड़का रहता था जिसका नाम आरव था। आरव बहुत रोज़ रात को अपने छत के ऊपर देखा करता था। उसे तारों की चमक में कुछ ख़ास पसंद आता था।
एक दिन, उसने अपने दादा से पूछा, "दादा, आपने कभी सोचा है, ये तारे रात को हमें कैसे चमकते हैं?"
उसके दादा ने कहा, "बिलकुल, आरव! तुम्हें याद है कि हमारे पुराज़ पुराज़ से यह कहा जाता है कि हर तारा हमारे एक पूर्वज की कहानी होता है। हर एक तारा हमें हमारे रिश्ते और मूल्यों की याद दिलाता है।"
आरव ने कहा, "पर वे इतने दूर हैं, तो उनसे कैसे सीधा मिला जा सकता है?"
दादा ने मुस्कराते हुए कहा, "बच्चे, तुम अगर अच्छे हो, ईमानदारी से काम करो, और हमेशा अच्छा सोचो, तो तुम्हारी मेहनत तुम्हें उन तारों तक पहुँचा सकती है।"
वही रात, आरव ने देखा कि उसके सीधे रास्ते पर कई तारे चमक रहे थे। वह खुश हुआ और अपने दादा के शब्दों को समझ गया। उसने तय किया कि वह हमेशा ईमानदार रहेगा और हमेशा अच्छा सोचेगा।
इसके बाद, आरव ने अपने काम में मेहनत की, दूसरों की मदद की, और अच्छी बातें सोचता रहा। उसकी मेहनत ने उसे उच्चाईयों तक पहुँचा दिया और उसने अपने गाँव को गर्वित किया।
More
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि हमें अपने मानवीय मूल्यों को निभाना चाहिए, और हमेशा ईमानदार रहना बहुत महत्वपूर्ण है। हम अगर मेहनत करें और अच्छा सोचें, तो हम भी अपने लक्ष्यों तक पहुँच सकते हैं।
#5 गुलाब का फूल (small story in hindi)
बचपन में राजू गुलाब के फूलों से बहुत प्यार करता था। हर बार जब वह बगीचे में खेलता था, उसकी आँखों में गुलाबों की मिठास छाई रहती थी।
एक दिन, गुलाब के पौधे में राजू ने एक छोटे से कीड़े को देखा। उसके हृदय में दुःख हुआ क्योंकि वह किसी और को उसके प्यारे गुलाबों को नुकसान पहुँचाना नहीं चाहता था।
राजू ने उस कीड़े से बात की, "तुम क्यों मेरे गुलाबों को खा जाते हो? मैंने तुम्हें चोट नहीं पहुँचाना चाहता।"
कीड़ा मुस्कराया और बोला, "मुझे भी तुम्हारे गुलाबों का बोहोत प्यार है, पर मैं तुम्हें कह नहीं सकता कि मैं उन्हें छोड़ दूं।"
राजू ने सोचा और उसने कहा, "अगर तुम मेरे साथ रहोगे, तो मैं तुम्हें अन्य हरीभरी जगहें दिखा सकता हूँ जहाँ तुम खा सकते हो और मेरे गुलाबों को नुकसान नहीं होगा।"
कीड़ा मुस्कराया और राजू के साथ चला गया। दोनों मिलकर बहुत सारी हरियाली भरी जगहें ढूंढ़ीं और कीड़ा बहुत खुश हुआ क्योंकि अब उसे भी नए और सुरक्षित स्थान मिल गया था और राजू भी अपने गुलाबों को खोने का ख़याल नहीं रखना पड़ता था।
इस कहानी से सिख:
हमें हमारे आसपास के साथीयों का ध्यान रखना चाहिए और हमें उनके साथीत्व का समर्पण और साझेदारी बनाए रखना चाहिए।
#6 अच्छूत फूल (The Immortal Flower)
बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से गाँव में एक गरीब परिवार रहता था। गाँव में हर साल एक महोत्सव होता था, जिसमें सभी लोग अच्छूत फूल की खोज में जुटते थे। यह फूल सुना जाता था कि जिसने इसे पा लिया, उसकी सभी मनोकामनाएँ पूरी हो जाती थीं।
गाँव का एक बच्चा नामक 'राज' बहुत ही उत्सुक था अच्छूत फूल पाने के लिए। वह हर वर्ष महोत्सव में भाग लेता था, लेकिन कभी भी वह फूल नहीं पा सकता था।
एक दिन, जब वह अपने दादा से इस बारे में बात कर रहा था, उसके दादा ने कहा, "राज, तुम्हें अच्छूत फूल कभी नहीं मिलेगा। लेकिन तुम्हें यह नहीं बताया गया है कि फूल की ज़रुरत नहीं है तुम्हारी कामयाबी के लिए।"
राज ने इसे ध्यान में रखा और वह ने अच्छूत फूल की बजाय अच्छे कर्मों का मूल्य जाना। उसने गाँव के लोगों की सहायता करना शुरू किया और सभी को खुश किया।
वह ने अपनी मेहनत और ईमानदारी से लोगों का दिल जीता। उसकी कड़ी मेहनत और अच्छे कर्मों ने उसे गाँव के प्रमुख बना दिया।
महोत्सव के दिन, जब सभी लोग अच्छूत फूल की खोज करने के लिए निकले, राज ने एक बड़े सा ताजगीन गोले को छोड़ा जो उसने अपनी कड़ी मेहनत और ईमानदारी से जीता था।
फूल नहीं, परंतु राज का अच्छूत भावनाओं और सेवा भावना के कारण वह गाँव का हीरो बन गया था। लोगों ने समझा कि असली धन और सुख अच्छूत फूल से नहीं, बल्कि अच्छे कर्मों से होता है।
Moral
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि कभी-कभी हमारे मनोबल की आवश्यकता केवल भौतिक वस्त्रों या सफलता से नहीं होती, बल्कि अच्छाई, ईमानदारी, और सेवा के माध्यम से भी हो सकती है।
#7 गुब्बारे की यात्रा (very short story in hindi)
राजू एक छोटे से गाँव का छोटा लड़का था। उनका एकमात्र शौक गुब्बारे उड़ाना था। उनका दिन आसमान में गुब्बारे उड़ाने के इर्द-गिर्द घूमता था।
एक दिन, राजू ने एक बहुत बड़ा गुब्बारा बनाने के बारे में सोचा जो बहुत ऊँचा उड़ सके। उसने एक गुब्बारा बनाया जो आकाश में इतना ऊपर चला गया कि राजू आश्चर्यचकित रह गया।
गुब्बारे ने उससे कहा, “राजू, मैं तुम्हें दिखाना चाहता हूँ कि तुम भी बहुत ऊँचा उड़ सकते हो।”
राजू ने गुब्बारे की बात मान ली और एक बड़ा गुब्बारा बनाया। जैसे ही उसने गुब्बारा उड़ाया तो वह काफी ऊपर चला गया। राजू यह देखकर खुश हुआ कि उसका गुब्बारा कितनी ऊँचाई तक उड़ रहा था।
गुब्बारे ने कहा, "राजू, तुम देखो, तुम भी महान ऊंचाइयों तक पहुंच सकते हो। तुम्हारी कड़ी मेहनत और संघर्ष तुम्हें ऊंची उड़ान भर सकता है।"
Moral
राजू ने इस सीख को अपने जीवन में लागू किया। उन्होंने हमेशा कड़ी मेहनत की और कभी हार नहीं मानी। उनकी कड़ी मेहनत और लगन ने उन्हें बुलंदियों तक पहुंचाया।
#8 सूर्य की पहली किरण (short kahani in hindi)
**एक समय की बात है, हरी-भरी पहाड़ियों के बीच बसे एक छोटे से गाँव में, अनन्या नाम की एक युवा लड़की रहती थी। वह अपनी उज्ज्वल मुस्कान के लिए जानी जाती थीं जो सबसे उदास दिन को भी रोशन कर सकती थी। अनन्या में एक अनोखा आकर्षण था - उसे हर सुबह सूर्योदय देखना पसंद था।**
**एक दिन, अनन्या की दादी ने उसे सूरज की पहली किरण के बारे में एक जादुई कहानी सुनाई। उसने कहा, "बेटा, सूरज की पहली किरण अपने साथ सपनों को सच करने की शक्ति लेकर आती है। लेकिन इसके जादू का अनुभव करने के लिए, तुम्हें इसे तब पकड़ना होगा जब यह पहली बार पृथ्वी को छूती है।"**
**उस दिन के बाद से, अनन्या ने सूरज की पहली किरण को पकड़ना अपना मिशन बना लिया। हर सुबह, जब गाँव अभी भी सो रहा होता था, वह सबसे ऊँची पहाड़ी पर चढ़ जाती थी, और बेसब्री से सुबह होने का इंतज़ार करती थी। जैसे ही सूरज उगना शुरू होता, वह अपनी आँखें बंद कर लेती और अपने सबसे गहरे सपनों की कल्पना करती।**
**दिन हफ्तों में बदल गए और अनन्या का दृढ़ संकल्प और मजबूत हो गया। उसे चुनौतियों का सामना करना पड़ा - ठंडी हवाएँ, बरसाती सुबहें, और यहाँ तक कि ऐसे दिन भी जब सूरज लुका-छिपी खेलता हुआ प्रतीत होता था। फिर भी, उसने कभी हार नहीं मानी।**
**एक अच्छी सुबह, जैसे ही सूरज क्षितिज पर झाँकने लगा, अनन्या को अपने चेहरे पर एक गर्म स्पर्श महसूस हुआ। उसने आँखें खोलीं और देखा कि सूरज की पहली किरण धीरे-धीरे उसके गालों को सहला रही थी। यह शुद्ध जादू का क्षण था।**
**उस पल में, अनन्या को आत्मविश्वास और स्पष्टता का एहसास हुआ। वह जानती थी कि वह जो कुछ भी ठान लेती है उसे हासिल कर सकती है। सूरज की पहली किरण ने उसे अपने सपनों को हकीकत में बदलने की शक्ति दी थी।**
**पहाड़ी पर जादुई सुबह को हमेशा संजोकर रखते हुए, अनन्या ने जीवन में महान उपलब्धियां हासिल कीं। उनकी कहानी से प्रेरित होकर, गाँव ने सूरज की पहली किरण का जश्न मनाने की परंपरा शुरू की, जो कि जादू पर विश्वास करती थी। और इसलिए, यह गाँव उन सपनों से फला-फूला जो सच हुए, यह सब एक युवा लड़की की वजह से हुआ जिसने सूर्योदय का पीछा करने का साहस किया।**
**और इस प्रकार, अनन्या और सूरज की पहली किरण की कथा जीवित रही, और सभी को याद दिलाया कि एक नई शुरुआत उन लोगों का इंतजार कर रही है जो अपने सपनों के जादू पर विश्वास करने का साहस रखते हैं।**
#9 गुब्बारा की कहानी (Short Story in Hindi)
एक सुनहरा दिन था, गर्मी के मौसम का आनंद लेते हुए, रिया ने अपने दादाजी से एक बड़े से गुब्बारे को देखा।
रिया (हैरान होकर): "ये गुब्बारा कैसा होता है, दादाजी?"
दादाजी (मुस्कराते हुए): "बिलकुल, रिया। ये देखने में ही बड़ा सुंदर और मजेदार है।"
दादाजी ने रिया को एक गुब्बारे को उड़ाने के लिए दिया। रिया ने गुब्बारा उड़ाना शीखा, और वह महसूस करने लगी कि उसकी चिंगारी से कुछ नया हो रहा है।
गुब्बारा ऊपर ऊँचाईयों तक पहुँचते हुए, रिया को अपनी क्षमताओं का पूरा अहसास हुआ। उसने एक नई दुनिया का आनंद लिया, जहां सब कुछ नया और रोचक था।
रिया (खुश होकर): "दादाजी, ये बहुत अच्छा था! धन्यवाद।"
दादाजी (प्यार से): "बेटा, जब तुम किसी चीज को नए दृष्टिकोण से देखते हो, तो तुम्हें एक नई दुनिया का अनुभव होता है। जीवन में भी ऐसा ही होता है। अपनी क्षमताओं का उपयोग करो और सब कुछ नया और अद्वितीय महसूस करो।"
Moral
रिया ने उस दिन से नई ऊँचाइयों को छूने का संकल्प किया और उसने जीवन को एक नए और उत्कृष्ट दृष्टिकोण से देखना शुरू किया।
#10 तितली का सपना (The Butterfly's Dream)
एक सुंदर सी गाँव था, जहाँ के हर कोने में खुशियाँ बसी रहती थीं। यहाँ की सबसे सुंदर चीज गाँव की बगिया थी, जो हर प्रकार के फूलों से भरी हुई थी। गाँववाले इसे "प्रेम बगिया" कहते थे।
इस बगिया में एक छोटी सी तितली रहती थी, जिसका नाम था अनन्या। अनन्या बहुत ही सपनों भरी आँखों वाली थी। वह रोज़ उड़ती हुई फूलों के पास जाकर उनसे बातें करती थी, और उन्हें अपनी खुशियाँ सुनाती थी।
एक दिन, एक बड़ा साँप गाँव के पास आया। लोग बहुत डर गए और भाग गए, पर अनन्या वहीं रुकी रही।
साँप ने कहा, "तुम डर क्यों नहीं रही हो?"
अनन्या ने हंसते हुए कहा, "मुझे आपसे डर नहीं लगता। आपने तो मेरी बगिया को भी सुंदर बना दिया है!"
साँप ने हेरत में पूछा, "तुम मुझसे नहीं डरती? मैं तुम्हें खा सकता हूँ।"
अनन्या ने मुस्कराते हुए कहा, "आप तो सिर्फ़ अपने भोजन के लिए आए हो, लेकिन गाँववाले हमारे साथ हमेशा खुशी बांटते हैं।"
साँप ने अपनी ग़रूरी छोड़ दी और उसने गाँववालों के साथ एक नया दोस्ती का आगाज़ किया।
और इस प्रकार, गाँव का सुख-शांति बना रहा, और अनन्या का सपना हमेशा सच होता रहा।
कई बार हमें वह सच्चे सौहार्द की कीमत समझ में आती है, जिसे हम कभी कहीं भूल जाते हैं।
#11 मेहनती आर्जू (small moral stories in hindi)
एक समय की बात है, एक छोटे से गाँव में एक छोटा सा लड़का रहता था जिसका नाम आर्जू था। वह बहुत ही मेहनती और समर्पित था। उसके माता-पिता गरीब थे, लेकिन उनका सपना था कि आर्जू बड़कर एक बड़ा आदमी बनेगा।
आर्जू का सपना था कि वह एक दिन अपने गाँव का नाम रोशन करेगा। उसने मेहनत और लगन से पढ़ाई की और बहुत ही उच्च शिक्षा प्राप्त की। वह अपने मेहनत के बल पर एक बड़े शहर में एक अच्छी सीधी नौकरी प्राप्त करने गया।
आर्जू ने अपने काम में पूरी ईमानदारी और मेहनत से काम किया और उसने बहुत तरक्की की। उसके पैसे से उसने अपने माता-पिता को भी सुख-संपत्ति प्रदान की।
एक दिन, आर्जू को एक बड़ा परियोजना संभालने का मौका मिला। उसने उस परियोजना को सफलता से पूरा किया और उसके बारे में समाचार समाप्त हुए।
आर्जू ने समझा कि सफलता में आर्जू का हाथ बहुत है, लेकिन उसने यह भी देखा कि समझदारी, मेहनत, और समर्पण का बहुत बड़ा योगदान था। वह अपनी मेहनत और समर्पण के बल पर बड़ा आदमी बन गया था और उसने अपने गाँव का नाम रोशन किया।
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत, समर्पण, और समझदारी बहुत महत्वपूर्ण होती हैं।
#12 तितली का सफर (short moral stories in hindi)
एक सुंदर सी सुबह थी। आसमान में हरियाली फैली हुई थी और गुलाबी-गुलाबी फूल खिले हुए थे। रिया नामक एक छोटी सी बच्ची अपने गाँव के बगीचे में घूम रही थी।
एक छोटी सी तितली ने रिया के पास आकर कहा, "नमस्ते! मुझे बहुत अच्छा लगा कि तुम्हें देखा। मैं तुम्हें एक खास स्थान दिखाऊंगी।"
रिया ने कुर्वी सड़कों और हरा-भरा मैदानों के माध्यम से उस तितली का पीछा किया। तितली ने रिया को एक सुंदर बगीचे में ले जाया जो रिया के पहले कभी नहीं देखा था।
बगीचे में तमाम रंगीन फूल थे, और मधुर गंध उफनने वाली थी। रिया ने कहा, "यहाँ सचमुच ही बहुत खूबसूरत है! धन्यवाद कि तुमने मुझे यहाँ ले आया।"
तितली हंसी में बोली, "हर कोने में छुपा हुआ सौंदर्य हमें खुद में खोजना पड़ता है। यही सच्चा सौंदर्य है, जो हमें खुदा की सृष्टि को समझने में मदद करता है।"
रिया ने गहरे विचार किए और बोली, "तुमने मुझे एक नया दृष्टिकोण दिखाया है। अब से मैं चीज़ों को और भी गहराई से देखूँगी।"
तितली ने हंसते हुए कहा, "यह जीवन हमें हमेशा कुछ सिखाता रहता है। हर पल को खुशी से जीना हमारी जिम्मेदारी है।"
रिया ने तितली को धन्यवाद दिया और वे साथ में बगीचे का आनंद लेने लगीं। उस दिन से रिया ने सीखा कि सच्चा सौंदर्य अक्सर छोटी बातों में छिपा होता है, और हमें उसे देखने के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखना चाहिए।
#13 तारों का जहाज़ (Best Short Story)
बचपन में, अर्जुन नामक एक छोटे से गाँव का रहने वाला बच्चा था। उसकी सबसे बड़ी ख्वाहिश थी कि वह तारों का जहाज़ बनाये और सितारों की दुनिया में सफर करें।
अर्जुन ने कभी अपनी ख्वाहिश छुपाई नहीं, बल्कि उसने इसे सभी के सामने रखा दिया। उसके दोस्त भी हंसते थे, कहते थे कि ऐसा कैसे हो सकता है?
एक दिन, गाँव में एक विज्ञान मेला हुआ। वहां एक वैज्ञानिक एक नई तकनीक का प्रदर्शन कर रहा था जिससे उसने कहा कि सितारों की दुनिया में जाना अब संभव है।
अर्जुन ने वहां जाकर उस वैज्ञानिक से मिला और उसकी ख्वाहिश का बारे में बताया। वैज्ञानिक ने उससे कहा, "तैयार रहो, अर्जुन, क्योंकि तुम्हारी ख्वाहिश पूरी होने वाली है!"
अर्जुन को वैज्ञानिक के साथ मिलकर तारों के जहाज़ का निर्माण करने में मदद करने का मौका मिला। वे मिलकर नए और उनके सपने को साकार करने के लिए काम करने लगे।
कुछ महीनों बाद, उनका तारों का जहाज़ तैयार हो गया। गाँववाले हेरत और आश्चर्य में थे कि एक छोटे से गाँव का बच्चा अपनी मेहनत और आत्मविश्वास से इतना बड़ा काम कर सकता है।
अर्जुन और वैज्ञानिक ने तारों के बीच एक सफल सफर किया और उनकी ख्वाहिश पूरी हुई। अर्जुन ने दिखाया कि अगर किसी के सपने सच्चे होते हैं, तो उसे कोई भी रोक नहीं सकता।
#14 सहानुभूति बच्चा (hindi short story)
शीतकाल आ गया था, और छोटे से गाँव में बर्फबारी की आशंका थी। एक छोटे से लड़के का नाम अर्जुन था, जो बहुत ही उत्साही और सहानुभूति बच्चा था।
अर्जुन के पास एक पुरानी साड़ी थी, जो उसकी दादी ने बनाई थी। उसकी माँ ने उसे सिखाया कि यह अगरम और अच्छा है कि हम अपनी सामग्री का सही तरीके से देखभाल करें और उसका सदुपयोग करें।
एक दिन, बर्फबारी शुरू हो गई, और सभी गाँववाले बाहर नहीं जा पा रहे थे क्योंकि सर्दी काफी कड़ी थी। अर्जुन ने अपनी दादी से कहा, "दादी, हमें कुछ करना चाहिए। हम गाँववालों की मदद कैसे कर सकते हैं?"
उसकी दादी ने हंसते हुए कहा, "बिलकुल, बेटा! तुम्हारे पास वह पुरानी साड़ी है जो तुम्हारी माँ ने तुम्हें दी थी। तुम उसे कहीं से लाओ, और हम उससे चादरें बना कर गाँववालों को बाँध सकते हैं।"
अर्जुन ने दादी की बात मानी, और वह गाँव के आस-पास के इलाकों से साड़ी जुटाने लगा। उसने अपनी माँ से मदद भी मांगी और एक सुंदर सी चादर बनवाई।
फिर अर्जुन ने गाँव के चरणों में बाँधने में मदद की, ताकि लोग बाहर जा सकें और बर्फबारी के खिलाफ तैयारी कर सकें। सभी गाँववालों ने उसकी मेहनत की सराहना की और उसे गाँव का हीरो माना।
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि छोटी चीजें भी बड़ी बना सकती हैं, और किसी भी समस्या का समाधान अगर हम साथ मिलकर करें, तो हम बहुत कुछ प्राप्त कर सकते हैं।
#15 बच्चे का सपना (Short Story in Hindi with Moral)
राजू एक गरीब परिवार का छोटा सा बच्चा था। उसके माता-पिता बहुत मेहनती थे, लेकिन उनके पास बहुत कम पैसे थे। राजू को बड़े होकर एक डॉक्टर बनने का सपना था।
हर रात, राजू चाँदनी की रातों में अपने छत पर बैठकर तारों को गिनता था। उसकी माँ बहुत ही समझदार और समर्पित महिला थीं। वह राजू की चाँदनी की रातों में कड़ी मेहनत को देख रही थीं और उसके सपने की पूर्ति के लिए समर्थ थीं।
एक दिन, राजू को स्कूल में साहित्य के उत्कृष्ट पुरस्कार मिला। यह समारोह गाँव के लोगों के लिए गर्व का समय था। माँ-बाप को राजू के सपने की पूर्ति का एहसास हुआ।
राजू ने अपने सपने की पूर्ति के लिए मेहनत जारी रखी और अच्छे अंक प्राप्त करके एक प्रमुख मेडिकल कॉलेज में प्रवेश प्राप्त किया। उसका सपना पूरा हो गया।
**सिख:**
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि मेहनत, समर्पण और सपने को पूरा करने की इच्छा में ही सफलता है।
#16 लकड़हारा और सुनहरी कुल्हाड़ी की कहानी (short story in hindi)
बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से गाँव में एक लकड़हारा रहता था जिसका नाम लक्ष्मीपति था। लक्ष्मीपति का सपना था कि वह सुनहरी कुल्हाड़ी बना सके और अपने गाँव को बचाव में मदद कर सके।
एक दिन, लक्ष्मीपति ने अपने गाँव के लोगों से मिलकर इस बारे में बात की। उन्होंने कहा, "मुझे एक सुनहरी कुल्हाड़ी बनाने का सपना है जिससे हम अपने गाँव को और भी सुंदर बना सकें।"
गाँववाले पहले तो हैरान रहे, क्योंकि इतना बड़ा कार्य सामान्य लकड़हारे के लिए बड़ा हो रहा था। लेकिन उन्होंने लक्ष्मीपति की ऊर्जा और संकल्प देखकर उसका साथ दिया।
लक्ष्मीपति ने कड़ी मेहनत करते हुए बहुत ही सुनहरी कुल्हाड़ी बनाई। उसने उसे अपने गाँव के सभी लोगों के सामर्थ्य का प्रतीक बना दिया। गाँव की स्थिति में सुधार हुआ और लोग खुश रहने लगे।
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि हमारे सपने कितने भी बड़े हों, अगर हम मेहनत और संघर्ष के साथ उन्हें पूरा करने का निर्णय लेते हैं, तो हम किसी भी मुश्किल को पार कर सकते हैं। लक्ष्मीपति ने अपनी मेहनत और संघर्ष से एक साधारित चीज को भी कितना शानदार बना दिया!
#17 लोमड़ी और अंगूर की कहानी (hindi story with moral)
बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से जंगल में एक चालाक लोमड़ी रहती थी जिसका नाम चतुरा था। चतुरा को अच्छा खाना मिलता था, लेकिन एक दिन उसने एक अंगूर के पेड़ के पास एक गरीब खरागोश को देखा।
खरागोश दुखी दिख रहा था। चतुरा ने पूछा, "तुम इतने दुखी क्यों हो?"
खरागोश ने कहा, "मेरे पास खाने के लिए कुछ भी नहीं है, और मेरे बच्चे भूखे मर रहे हैं।"
चतुरा ने मुस्कराकर कहा, "तुम फिकर मत करो! मैं तुम्हें एक उपाय बताता हूँ। यहाँ आसपास बहुत सारे अंगूर पेड़ हैं। तुम मेरे साथ आओ, हम मिलकर इन्हें छूना और खाना शेयर करेंगे।"
खरागोश ने सहमति दी और दोनों ने मिलकर बहुत सारे अंगूर तोड़े। वे मिलकर खुशियाँ मना रहे थे।
एक दिन, चतुरा ने कहा, "तुम देखो, हमने मिलकर इतने अच्छे खाने का मौका पाया है। अब हम इसे और भी बढ़ावा दें, हमारा दोस्ती का त्योहार मनाएँ!"
खरागोश मुस्कराया और कहा, "तुम बहुत ही चतुर हो, चतुरा! हमारी दोस्ती से यह जंगल और भी हरित और सुंदर लगने लगा है।"
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि मित्रता और साझेदारी में ही सच्चा सुख होता है। चतुरा ने अपनी चालाकी से नहीं, बल्कि दोस्ती और सहायता के माध्यम से खुद को भी और दूसरों को भी खुश रखा।
#18 तीन मछलियाँ (short story in hindi with moral)
बहुत समय पहले की बात है, एक सुंदर झील में तीन मछलियाँ रहती थीं। इन तीनों मछलियों का नाम था सोना, मीना, और राजा।
एक दिन, झील के किनारे पर आए एक दलदली किसान ने झील के पानी में जाल डाला। इससे सोना, मीना, और राजा को बड़ी परेशानी हो गई।
सोना ने बोला, "हमें यहाँ से निकलना होगा, या हमें किसी तरह से इस जाल से बाहर निकलना होगा।"
मीना ने योजना बनाई, "हमें मिलकर जाल को तोड़ना होगा, लेकिन हमें सावधानी से काम करना होगा कि किसान को हमारी योजना का पता न चले।"
राजा ने विचार किया, "हमें मिलकर जाल को तोड़ने के लिए अच्छा होगा, लेकिन हमें एक वक्त पर एक दूसरे की मदद करनी चाहिए।"
तीनों मछलियाँ मिलकर योजना बनाईं और एक साथ जाल को तोड़ने का प्रयास किया। सावधानीपूर्वक और सहयोग से, उन्होंने जाल को तोड़ दिया और झील से बाहर निकल आए।
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि मिलकर काम करने में शक्ति होती है और एक अच्छे साथी बनाए रखने से हम किसी भी मुश्किल को पार कर सकते हैं। तीनों मछलियाँ ने अपनी बुद्धिमता, योजना, और टीमवर्क की मदद से सफलता हासिल की।
#19 गाने वाला गधा (small moral stories in hindi)
एक छोटे से गाँव में एक गधा रहता था जिसका नाम गोपाल था। गोपाल को सुनने और गाने का बहुत शौक था। वह हमेशा अपने गाँव के बच्चों के साथ गाने गाता और उन्हें मुस्कराता करता।
गोपाल का गाना सुनकर गाँववाले हमेशा खुश रहते थे। उनका मानना था कि गोपाल की गायकी से ही उनके गाँव की खुशियाँ बढ़ती हैं। गोपाल का गाना गाँव की एकमात्र रंगीन बात थी।
एक दिन, एक साहुकार गोपाल का गाना सुनते हैं और उनके मन को छू जाता है। उन्होंने गोपाल को अपने बड़े शहर में एक बड़े सांगीतिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बुलाया।
गोपाल हार नहीं मानता और उसने तैयारी शुरू की। उसने गाँववालों को बताया और सभी ने उसकी मदद की। गोपाल के गाने को सुनकर लोग हैरान रह जाते हैं कि इतनी अद्वितीय आवाज़ किसी गधे में कैसे हो सकती है।
सांगीतिक कार्यक्रम में गोपाल का प्रदर्शन होता है और वह अपनी आवाज़ से सभी को चौंका देता है। उसका गाना हिट होता है और उसे बड़ा संगीतकार माना जाता है। गोपाल ने अपने गाँव का नाम रोशन किया और उसने दिखाया कि कोई भी अपने शौक को पूरा कर सकता है, चाहे वह गधा हो या कोई और।
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि हर किसी की आवाज़ का महत्व है और हमें दूसरों को उनके शौक और प्रतिभा का सम्मान करना चाहिए। गोपाल ने दिखाया कि अगर आपमें मेहनत और प्रतिबद्धता है, तो आप किसी भी क्षेत्र में महारत हासिल कर सकते हैं।
#20 टोपी बेचने वाला और बन्दर की कहानी (Short Story in Hindi with Moral)
बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से गाँव में एक टोपी बेचने वाला व्यापारी रहता था जिसका नाम राजू था। राजू बहुत आलसी था और उसका व्यापार भी बहुत धीरे-धीरे बढ़ रहा था।
एक दिन, राजू ने गाँव के बड़े बन्दर को देखा जो बहुत चुस्त दिखता था। राजू ने अपनी आलसी आदत के बारे में सोचा और उसने बन्दर से कहा, "तुम्हारी तरह मैं भी इतना सक्षम होना चाहता हूँ।"
बन्दर ने हंसते हुए कहा, "तुम्हें बन्दर बनने की बजाय, जो तुम अच्छे से करते हो, वही करो।"
राजू ने कहा, "मुझे अच्छा नहीं लगता कि मैं टोपियाँ बेचता हूँ।"
बन्दर ने हंसते हुए जवाब दिया, "फिर भी, अगर तुम्हें व्यापार को बढ़ाना है तो अच्छा काम करो और मेहनत करो।"
राजू ने बन्दर की बातें सुनी और उसने अपने व्यापार को समझा और मेहनत करने का निर्णय लिया।
राजू ने अब समझा कि वह टोपी बेचकर ही अच्छा कर सकता है और उसने नए डिज़ाइन की टोपियाँ बनाईं। उसने ग्राहकों के साथ अच्छी सेवा देना शुरू किया और उसका व्यापार बहुत तेजी से बढ़ा।
बन्दर ने भी राजू को देखकर खुश हुआ और उसने कहा, "देखा, तुम्हारी मेहनत और उम्मीद ने तुम्हें सफलता दिलाई।"
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए, हमें अपनी मेहनत, उम्मीद और आत्मविश्वास में यकीन रखना चाहिए। राजू ने बन्दर की सलाहों को सुना और उसने अपने व्यापार को सुधारा और सफलता प्राप्त की।
#21 चींटियाँ और टिड्डे की कहानी (hindi short story)
बहुत समय पहले की बात है, एक बहुत ही सुंदर झील के किनारे एक छोटे से गाँव में चींटियाँ और टिड्डे रहते थे। यह जीवों का संसार हमेशा हरित और सुसज्जित रहता था।
चींटियाँ, हर दिन किसी न किसी काम में लगी रहती थीं। वे अपने ठंडे-ठंडे घरों को बनाती और अपने समृद्धि से भरे गाँव की सुरक्षा में मदद करती थीं।
वहां के टिड्डे भी अपने अंडरग्राउंड गुहाओं में रहकर आराम से अपना जीवन बिताते थे। वे गाँव के आस-पास की भूमि को फल-फूल से भरा हुआ रखते थे।
एक दिन, एक बड़ा सांप गाँव के पास आया और देखकर चींटियों और टिड्डों को खाने का मौका ढूंढने लगा। सांप ने अपनी भयानक आंखों से उन्हें देखा और चारों ओर का हवा उगारने लगा।
चींटियाँ और टिड्डे समझ गए कि उनकी सुरक्षा के लिए कुछ करना होगा। उन्होंने मिलकर योजना बनाई और सांप के सामने निकले।
चींटियाँ ने कहा, "हे सांप! हम तुम्हें कुछ दे सकते हैं जो तुम्हें यहाँ रुकने के लिए मजबूर कर सकता है।"
टिड्डे ने भी जोड़ा, "हां, हम तुम्हें बहुत सारी मिठाई और फलों को छोड़कर बहुत कुछ दे सकते हैं। बस, हमें और गाँव को छोड़ने का इजाजत दो।"
सांप ने मुस्कराते हुए कहा, "तुम लोग सच्चे दोस्त हो! मैं तुम्हें कोई कष्ट नहीं दूंगा।"
इसके बाद, सांप ने गाँव को छोड़ा और वहां के छोटे-छोटे जीवों के साथ मेल-जोल किया।
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि साझेदारी और मित्रता किसी भी समस्या का समाधान हो सकता है। चींटियों और टिड्डों ने मिलकर सांप को मित्रता और समर्थन प्रदान किया, जिससे उनका गाँव सुरक्षित रहा।
#22 हाथी और चूहा की कहानी (Best Short Story in Hindi)
बहुत समय पहले की बात है, एक जंगल में एक हाथी और एक चूहा रहते थे। ये दोनों अच्छे दोस्त थे और हमेशा एक-दूसरे के साथ वक़्त बिताते थे।
हाथी बड़ा और शक्तिशाली था, जबकि चूहा छोटा और चुस्त था। ये दोनों बहुत सारी बातें साझा करते थे और एक-दूसरे के साथ खेती में मदद करते थे।
एक दिन, जंगल में एक बड़ी समस्या आई। एक विशाल अग्निकुंड (आग का गुब्बारा) बन गया और जंगल की दिशा में बढ़ता जा रहा था। सभी जंगली जानवर परेशान थे और उन्हें अपने घरों को बचाने के लिए एक साथ काम करने की आवश्यकता थी।
हाथी और चूहा ने इस समस्या का समाधान निकालने का निर्णय किया। हाथी ने चूहे को अपने पूंछ पर बैठाया और उसे ऊँचे ऊँचे स्थानों पर ले जाने के लिए उपयोग किया। चूहा ने हाथी को आग के गुब्बारे के पास पहुँचाने के लिए उपयोग किया।
इस तरह, दोनों ने मिलकर आग को नष्ट करने का कार्य किया और जंगल को बचाया। उनकी मेहनत और साझेदारी ने सभी को मिलकर मुश्किल को पार करने में मदद की।
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि समस्याओं का सामना मिलकर करना हमेशा बेहतर होता है। हाथी और चूहा ने अपनी विभिन्न योग्यताओं का उपयोग करके मिलकर समस्या का समाधान निकाला और साझेदारी का महत्व दिखाया।
#23 बंदर और मगरमच्छ की कहानी (Short Story in Hindi)
बहुत समय पहले की बात है, एक जंगल में एक बड़ा सा बंदर रहता था जिसका नाम बन्दू था। बन्दू बहुत ही बुद्धिमान और शक्तिशाली था, और जंगल के सभी जानवर उसे अपना नेता मानते थे।
एक दिन, एक मगरमच्छ जंगल के किनारे आकर बैठ गया। वह बहुत छिपकली तरीके से बोलता था और जानवरों को दिखाने में मुश्किल होता था। बन्दू ने उसकी आवाज सुनी और देखा कि वह किसी के नाते बैठा हुआ है।
बन्दू ने मगरमच्छ से पूछा, "तुम यहाँ क्यों बैठे हो और हमारे जंगल में क्या काम है?"
मगरमच्छ हंसते हुए बोला, "आपका जंगल बहुत ही आकर्षक है, और मैं यहाँ आने का मजा कर रहा हूँ।"
बन्दू थोड़ी सी संदेही था क्योंकि वह जानता था कि मगरमच्छ छल से बातें करता है। उसने जंगल के अन्य जानवरों से पूछा और जाना कि मगरमच्छ आकर्षित होकर उन्हें धोखा दे सकता है।
बन्दू ने फिर मगरमच्छ से कहा, "तुम यहाँ बैठ सकते हो, लेकिन तुम्हें हमारी आत्मा में विश्वास करना होगा। हम सभी यहाँ एक बड़े परिवार का हिस्सा हैं और हम एक दूसरे की सुरक्षा के लिए मिलकर काम करते हैं।"
मगरमच्छ ने बन्दू की बातों को सुना और वह भी समझ गया कि बंदर उससे बहुत होशियार है। उसने अपने छल को छोड़कर जंगल के साथी बनने का निर्णय किया।
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि धोखा और छल से बचने के लिए हमें अपने साथी को अच्छे से समझना चाहिए
#23 मूर्ख चोर की कहानी (Short Story in Hindi with Moral and Images)
एक समय की बात है, एक छोटे से गाँव में एक आदमी रहता था जिसका नाम रामु हुआ करता था। रामु बहुत ही मूर्ख और भिखारी आदमी था। उसकी लापरवाही की वजह से गाँववाले उसे अच्छे नजरों से नहीं देखते थे।
एक दिन, गाँव के पास एक बड़ा शहर था जिसमें एक हीरे का भंडार था। गाँववाले बड़े आत्मविश्वास से कहते थे, "हमारा गाँव बहुत ही सुन्दर है, पर हमारे पास एक भी हीरा नहीं है।"
रामु ने यह सुना और मूर्खता के बावजूद, उसमें एक नई सोच उत्पन्न हुई। वह गाँववालों के पास गया और कहा, "मैं तुम्हें वही हीरा दिखा सकता हूँ जो तुम खोज रहे हो!"
गाँववाले हैरान हो गए और सोचने लगे, "रामु तो बहुत ही मूर्ख है, फिर वह कैसे हीरा दिखा सकता है?"
रामु ने उनसे एक बड़े से पत्थर को पकड़ा और कहा, "इस पत्थर के नीचे ही हीरा है।"
गाँववाले मुस्कराए और वह उस पत्थर को उठाने लगे, पर कुछ नहीं मिला। रामु हंसते हुए बोला, "मैंने तुम्हें कहा था, हीरा तो इस पत्थर के नीचे है, बस थोड़ी बहुत खुदाई करो!"
गाँववाले बहुत ही मुश्किल से पत्थर को खुदाया और देखा, हीरा सचमुच वहां था। गाँववाले हैरान हो गए और रामु की बुद्धिमत्ता की सराहना करने लगे।
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि कभी-कभी बुद्धिमत्ता कहीं छुपी होती है, और हमें हर चीज़ को समझने के लिए अपनी दृष्टि को बदलनी चाहिए। मूर्खता के पीछे छुपा हुआ ज्ञान हमें कभी-कभी सबसे अच्छे नतीजों तक पहुंचा सकता है।
#24 सुनहरे अंडा (Short Story in Hindi)
बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से गाँव में एक गरीब लड़का रहता था जिसका नाम अर्जुन था। अर्जुन की परिस्थितियाँ बहुत ही कठिन थीं, लेकिन उसमें एक अजीब सी बात थी - वह कभी भी अपनी आत्मा को हार नहीं मानता था।
एक दिन, अर्जुन ने अपने गाँव के पास एक जंगल में एक अजीब चीज़ देखी - एक सुनहरा अंडा। वह चौंक गया और जल्दी से वह अंडा ले आया। जब उसने उसे तोड़ा, तो उसमें से एक सुंदर सी दिव्य ज्यों की रौशनी निकली।
अर्जुन को समझ आया कि यह एक सुनहरा अंडा उसकी जीवन में रौशनी और खुशियाँ लाएगा। उसने तुरंत गाँव के लोगों के साथ अपना खजाना बाँटने का फैसला किया।
गाँववाले बहुत खुश हुए और उनका जीवन सुखमय हो गया। लेकिन वे यह भूल गए कि सुख और समृद्धि वही पा सकते हैं जो सभी अपने साथ साझा करें और एक दूसरे की मदद करें।
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि जीवन में सुख और समृद्धि पाने का असली राज़ यह है कि हम दूसरों के साथ अपनी खुशियाँ और संपत्ति साझा करें और एक दूसरे की मदद करें। यही हमें सच्चे धन का अनुभव कराता है।
#25 लोमड़ी और सारस की कहानी
बहुत समय पहले की बात है, एक जंगल में एक चारिवाले लोमड़ी नामक जीवन्ती रहती थी जिसका नाम चित्रा था। चित्रा बहुत ही होशियार और चालाक थी, और जंगल के सभी पशुओं के बीच उसकी चर्चा होती रहती थी। उसकी दोस्ती में सारस नामक एक सुंदर सी पक्षी आती है जो अपनी आकृति और रंगों के लिए मशहूर थी।
एक दिन, चित्रा और सारस ने मिलकर बातचीत करने का निर्णय किया। उन्होंने एक-दूसरे से अपनी-अपनी जीवन की कहानियाँ साझा कीं और अपने अनुभवों की बातें कीं। इससे दोनों में एक-दूसरे के प्रति समर्पण और सहानुभूति की भावना उत्पन्न हुई।
चित्रा ने सारस से कहा, "तुम्हारी सुंदरता और रंगों की चमक मुझे बहुत प्रभावित करती है। मैं तुमसे एक आगे की शिक्षा लेना चाहती हूँ ताकि मैं भी अपने लिए कुछ नया सीख सकूँ।"
सारस ने मुस्कराते हुए कहा, "तुम्हारी होशियारी और चालाकी मुझे बहुत पसंद है। हम एक दूसरे से कुछ सिखेंगे और साथ में बेहतरीन दोस्त बनेंगे।"
इसके बाद, चित्रा और सारस ने मिलकर एक बड़े सांगीतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जिसमें वे अपनी अद्वितीयता को दिखा कर जंगल के सभी पशुओं को मोहित कर दिया।
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि हमें अपनी सार्थक और निःस्वार्थिक दोस्तियों का मूल्य समझना चाहिए, जो हमें बढ़ने और सीखने का एक नया दृष्टिकोण प्रदान कर सकते हैं।
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